...कल उंगली से रेत पर
तुम्हारी तस्वीर बनाई मैंने...
.....एक लहर आई
अपने साथ ले गई..
....फिर क्या था
हर तरफ, हर जगह
बस तुम ही तुम...
.....समंदर में तुम
उमस में तुम
बादलों में तुम
बारिश की बूंदों में तुम
हर फूटती कोंपल में तुम
ताज़ी हवाओं में तुम
साँसों में तुम..........
...आज तुम ही हो
जो मुझ को जिंदा रखे हो...
हर शै को जिंदा रखे हो...
ज़िन्दगी को जिंदा रखे हो...
...कल उंगली से रेत पर
तुम्हारी तस्वीर क्या बना दी मैंने...